जबलपुर
मध्यप्रदेश राज्य मुकदमा नीति के प्रभावी क्रियान्वयन को लेकर प्रदेश के सरकारी महकमे गंभीर नहीं हैं। हाईकोर्ट ने जब इस मामले में विधि और विधायी कार्य विभाग से विभागों और जिलों को लेकर रिपोर्ट तलब की तो अब सभी विभागों से इस संबंध में रिपोर्ट तलब की गई है। विधि और विधायी कार्य विभाग के सख्त पत्र के बाद भी अब तक दो दर्जन से अधिक विभागों ने इसको लेकर कोई कार्यवाही शुरू नहीं की है।

प्रदेश में राज्य मुकदमा नीति 2018 लागू है। इसके क्रियान्वयन को लेकर विधि और विधायी कार्य विभाग से पिछले माह हाईकोर्ट ने जानकारी मांगी थी।  कोर्ट ने कहा था कि नीति के कार्यान्वयन को दो साल से अधिक समय बीत जाने के बाद भी कुछ विभागों या जिलों में ही आंतरिक शिकायत निवारण प्रणाली तथा विभाग स्तरीय सशक्त समिति का गठन किया गया है। इसमें भी कुछ ही समितियां नियमानुसार काम कर रही हैं। कोर्ट ने इसके बाद पत्र लिखकर विधि और विधायी कार्य विभाग से विभाग और जिलावार शिकायत निवारण प्रणाली के गठन, विधि प्रकोष्ठ के गठन, सशक्त समिति के गठन के साथ समितियों के समक्ष आए प्रकरणों और उनके निराकरण की स्थिति की जानकारी देने को कहा है।

 हालात यह हैं कि कई जिलों और विभागों ने इन समितियों का गठन ही नहीं किया है तो समिति में आए प्रकरणों और उनके निराकरण की रिपोर्ट देने पर सवाल उठना लाजिमी है। इधर हाईकोर्ट के पत्र के बाद विधि और विधायी कार्य विभाग की चिट्ठी आने के बाद जल संसाधन समेत कुछ विभागों ने जिलों और संभागों में पदस्थ अधिकारियों को जिला स्तरीय नोडल अधिकारी की नियुक्ति के लिए अधिकारियों के नाम नामांकित कर रिपोर्ट देने को कहा है।

Source : Agency